
Kidney Stone : किडनी स्टोन होने पर बरतें ये सावधानियां
किडनी स्टोन : किडनी में स्टोन होना एक कॉमन बीमारी है। किडनी शरीर का एक अहम अंग है। इसका काम ब्लड को फिल्टर करना होता है। किडनी द्वारा ब्लड फिल्टरेशन के दौरान सोडियम, कैल्शियम और अन्य दूसरे मिनरल्स बारीक कणों के रूप में यूरेटर के माध्यम से ब्लैडर तक पहुंचते हैं, जो पेशाब के जरिये शरीर से बाहर निकल जाते हैं।
जब ब्लड में इन तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है तो ये किडनी में जमा होकर पत्थर के टुकड़ों जैसा आकार ले लेते हैं, जिसके कारण ब्लैडर तक यूरिन पहुंचने के रास्ते में रुकावट आती है और किडनी स्टोन यानी किडनी स्टोन्स की समस्या पैदा हो जाती है। इस समस्या में खाने-पीने में काफी एहतियात रखने की जरूरत होती है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि किडनी स्टोन के पेशेंट को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं।
किडनी स्टोन के लक्षण
- यूरिन करते समय हल्का दर्द
- बार-बार टॉयलेट लगना
- पेट में तेज दर्द
- भूख नहीं लगना
- जी मचलाना
- बुखार आना
किडनी में स्टोन होने पर क्या न खाएं-
कोल्ड ड्रिंक और कैफीन का न करें सेवन
डिहाइड्रेशन की एक वजह कैफीन भी होती है, इसलिए किडनी में स्टोन होने पर बहुत ज्यादा चाय और कॉफी पीना बंद कर दें। कोल्ड ड्रिंक पीना भी अवॉइड करें। इसमें मौजूद फॉस्फोरिक एसिड से स्टोन होने का खतरा ज्यादा रहता है।
नॉनवेज से करें परहेज
नॉनवेज खाद्य पदार्थों में प्रोटीन की भरपूर मात्रा पाई जाती है। किडनी में स्टोन की समस्या होने पर अपने भोजन में प्रोटीन की मात्रा को कम कर दें। ज्यादा प्रोटीन से किडनी पर विपरीत असर पड़ता है। ज्यादा प्रोटीन के सेवन से यूरिन में सामान्य स्थिति से कहीं ज्यादा कैल्शियम बाहर निकल जाता है।
प्रोटीन युक्त भोजन में मौजूद प्यूरीन के कारण नॉनवेज के सेवन से पथरी के मरीज के शरीर में प्यूरीन की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे यूरिक एसिड का लेवल बढ़ जाता है, नतीजतन स्टोन का आकार बड़ा हो जाता है।
नमक का सेवन कम करें
किडनी में स्टोन की समस्या होने पर नमक कम खाएं। टमाटर का रस, डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ, चाइनीज और मैक्सिकन भोजन और रिफाइंड खाद्य पदार्थ में नमक बहुत उच्च मात्रा में होते हैं। कम नमक या अनसाल्टेड खाद्य पदार्थों को खाएं।
विटामिन-सी और ऑक्सलेट वाली चीजों से रहे दूर
पथरी की शिकायत होने पर ऐसी चीजों के सेवन से बचें, जिनमें ऑक्सलेट और विटामिन-सी पाए जाते हैं। ऑक्सलेट कैल्शियम को जमा कर लेता है और यूरीन में नहीं जाने देता है। पालक, साबुत अनाज, चॉकलेट, टमाटर में ऑक्सलेट भरपूर मात्रा में मौजूद होता है। इन्हें खाने से बचें। विटामिन-सी के ज्यादा सेवन से भी स्टोन बनता है। इसलिए विटामिन-सी का एक निश्चित मात्रा में सेवन करें। टमाटर के बीज, बैंगन के बीज, चौलाई, आंवला, सोयाबीन, अजमोद, चीकू, कद्दू, सूखे बींस, कच्चा चावल, उड़द की दाल और चने का ज्यादा सेवन करने से स्टोन की समस्या बढ़ सकती है।
हाई फॉस्फोरस वाले पदार्थों को कहें न
हाई फास्फोरस वाले पदार्थ चॉकलेट, नट्स, कार्बोनेटेड ड्रिक्स, दूध और दूध से बने पदार्थ दही, पनीर , मक्खन, सोया पनीर, सोया दही, फास्ट फूड, टॉफी, कैन सूप, नूडल, फ्राई फ़ूड, जंक फ़ूड, चिप्स का सेवन किडनी में स्टोन होने पर नहीं करना चाहिए। इसके अलावा मूंगफली,काजू, किशमिश, मुनक्का जैसे ड्राई फूट के सेवन से परहेज करें।
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किडनी स्टोन होने पर क्या खाएं-
ज्यादा-से-ज्यादा लें तरल पदार्थ
किडनी स्टोन की शिकायत होने पर एक दिन में कम-से-कम 12 गिलास पानी पीने की कोशिश करें। साथ ही ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ लें। पानी स्टोन बनाने वाले कैमिकल को गलाने में मदद करता है।
सिट्रस एसिड वाली चीजों का सेवन करें
खट्टे फल और उनके रस स्वाभाविक रूप से सिट्रस के कारण किडनी स्टोन को कम करने या रोकने में मदद कर सकते हैं। नींबू, संतरे और अंगूर सिट्रस के अच्छे स्रोत हैं। संतरे का जूस, मौसमी का जूस, ताजा नींबू पानी, फलों का ताजा रस विशेष रूप से पिएं।
तुलसी का सेवन करें
तुलसी की पत्तियों में कुछ ऐसे तत्व मौजूद होते हैं जो यूरिक एसिड के लेवल को स्थिर करने में सक्षम होते हैं, जिसके कारण किडनी में स्टोन नहीं बन पाते। तुलसी की पत्तियों में पाया जाने वाला ऐसिटिक एसिड किडनी के स्टोन को पिघलाने और खत्म करने में मदद करता है। प्रतिदिन एक चम्मच तुलसी का रस पीने से किडनी के स्टोन दूर करने में मदद मिलती है।
विटामिन-डी करेगा कैल्शियम एब्जॉर्ब करने में मदद
साथ ही रोजाना के खाने में विटामिन-डी की उच्च मात्रा वाले खाद्य पदार्थों को शामिल करना न भूलें। विटामिन-डी शरीर को ज्यादा कैल्शियम एब्जॉर्ब करने में मदद करता है। यह फैटवाली मछलियों, जैसे- सालमन समेत अंडे की जर्दी और पनीर में पाया जाता है।
किडनी स्टोन के इलाज के लिए डॉ. सौरभ जैन को क्यों चुनें?
डॉ.सौरभ जैन,बेस्ट Urologist in Jaipur & Kidney Stone Treatment in Jaipur कई अनिवार्य कारणों से किडनी स्टोन्स के इलाज के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प के रूप में सामने आते हैं:
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उन्नत उपचार विकल्प: डॉ. जैन किडनी स्टोन्स के लिए नवीनतम प्रगति और उपचार के तौर-तरीकों के बारे में जानकार हैं।
उचित देखभाल: मरीज़ स्वास्थ्य देखभाल के प्रति डॉ. जैन के दयालु दृष्टिकोण की सराहना करते हैं। वह रोगी की चिंताओं को सुनने के लिए समय निकालते हैं, उपचार के विकल्पों को स्पष्ट रूप से समझाते हैं।
सिद्ध परिणाम: डॉ.सौरभ जैन के पास किडनी स्टोन्स के इलाज में सफल परिणाम प्राप्त करने, रोगी के दर्द और परेशानी को कम करने का इतिहास है।
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अक्सर पूंछे जाने वाले प्रश्न :
किडनी स्टोन्स को कैसे रोका जा सकता है?
किडनी स्टोन्स को अक्सर जीवनशैली में बदलाव और आहार में संशोधन के माध्यम से रोका जा सकता है। खूब सारा पानी पीकर हाइड्रेटेड रहना महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह मूत्र को पतला करने में मदद करता है और पथरी बनने के खतरे को कम करता है। ऐसा आहार जिसमें नमक और पशु प्रोटीन की मात्रा कम हो और साथ ही फलों, सब्जियों और साबुत अनाज से भरपूर हो, जोखिम को कम कर सकता है। किसी व्यक्ति के विशिष्ट जोखिम कारकों के आधार पर स्वास्थ्य सेवा प्रदाता द्वारा कुछ दवाओं की सिफारिश की जा सकती है।
क्या किडनी स्टोन्स से दर्द होता है?
हाँ, किडनी स्टोन्स बेहद दर्दनाक हो सकती है। अनुभव किए गए दर्द का स्तर मध्यम से गंभीर तक हो सकता है, कुछ लोग इसकी तुलना प्रसव की तीव्रता से करते हैं। दर्द आमतौर पर तब होता है जब किडनी स्टोन्स यूरिन के प्रवाह को अवरुद्ध कर देती है, जिससे यूरिन ट्रैक्ट में दबाव बनने लगता है। किडनी स्टोन्स के दर्द का अनुभव होने पर चिकित्सकीय सहायता लेना आवश्यक है।
किडनी स्टोन्स के पहले लक्षण क्या हैं?
पेट में या पीठ के एक तरफ तीव्र असुविधा या दबाव, जो अचानक और रुक-रुक कर होता है, शायद किडनी स्टोन्स का प्रारंभिक संकेतक हो सकता है। यह दर्द आरामदायक बैठने या लेटने की स्थिति को चुनौतीपूर्ण बना सकता है, जो 20 मिनट से लेकर एक घंटे तक रह सकता है। यह दर्द मतली, बुखार, ठंड लगना और मूत्र संबंधी कठिनाइयों की भावनाओं के साथ हो सकता है। यदि आप इनमें से किसी भी लक्षण का सामना करते हैं, तो चिकित्सा सहायता लेना महत्वपूर्ण है।